MP Board Exam 2024 Latest News today – एमपी बोर्ड 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं फरवरी माह में आयोजित करने का निर्णय लिया है इससे शिक्षकों के साथ ही विद्यार्थियों को भी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है।
माध्यमिक शिक्षा मंडल यानी एमपी बोर्ड की इस बार 10वीं और 12वीं कक्षाओं की परीक्षा मार्च में शुरू न होकर फरवरी में ही शुरू हो जाएगी। इसका असर ये होगा कि बोर्ड कक्षाओं के विद्यार्थियों को पढ़ाई और रिवीजन करने के लिए कम समय मिलेगा। एमपी बोर्ड से संबंधित प्राइवेट स्कूलों की एसोसिएशन का दावा है कि इससे बोर्ड कक्षाओं के रिजल्ट में 10 फीसदी तक की गिरावट हो सकती है। इस नई व्यवस्था के कारण बोर्ड कक्षाओं सिलेबस को कम्प्लीट करने के लिए अब 180 की जगह 150 दिन का ही समय बचा है।
लोकसभा चुनाव के कारण जल्द हो रहीं परीक्षाएं – 2024 में लोकसभा चुनाव है। माना जा रहा है कि मध्यप्रदेश में मार्च के महीने में कभी भी आचार संहिता लग सकती है। चुनाव में स्कूल भवनों की ही मतदान केंद्र बनाया जाता है और मतदान से मतगणना तक सरकारी स्कूल में पदस्थ शिक्षकों की ड्यूटी भी लगाई जाती है, यही कारण है कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए इस बार 10वीं कक्षा की परीक्षा 5 फरवरी से 28 फरवरी तक और 12वीं कक्षा की परीक्षा 6 फरवरी से 5 मार्च तक संचालित होगी
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यह है दिक्कत की मुख्य वजह – एमपी बोर्ड का टाइम टेबल जारी होने के बाद अबअगस्त से ही दिनों का केलकुलेशन करें तो परीक्षा शुरू होने से पहले 27 रविवार और 18 त्यौहारों की छुट्टीयां हैं। यानी अगस्त से जनवरी एंड तक 40 दिन वैसे भी स्कूल नहीं लगना है। यदि मार्च में एग्जाम होते तो इसका मतलब था कि फरवरी में प्रैक्टिकल लिए जाते, ऐसी स्थिति में जनवरी तक कोर्स कम्प्लीट कराने का समय होता, जो कि स्कूल की छुट्टियां हटाकर करीब 180 दिन होते हैं, लेकिन अब फरवरी में एग्जाम होने से जनवरी में अब प्रैक्टिकल लिए जाएंगे, यानी दिसंबर तक कोर्स कम्प्लीट कराना होगा इसके लिए अब 180 की जगह केवल 150 दिन का समय बचा हुआ है।
स्टॉफ के साथ 22 लाख छात्रों के लिए भी चुनौती – मुख्य परीक्षा के लिए पहले स्कूल के पास तैयारी करने के लिए 162 दिन बचे थे जी अब कम होकर 137 दिन हो गए हैं। वहीं पहले स्कूल के पास प्रैक्टिकल के लिए 132 दिन थे जो अब घटकर करीब 107 दिन हो जाएंगे।
यही कारण है कि स्कूल स्टॉफ पर सिलेबस को जल्द कम्प्लीट कराने का प्रेशर रहेगा। वहीं इस साल 10वीं और 12वीं कक्षा में 22 लाख विद्यार्थी परीक्षा देने वाले हैं। इन स्टूडेंट पर भी रिवीजन को लेकर प्रेशर रहेगा जिसका असर रिजल्ट पर पड़ सकता है।
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10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा इस वर्ष एक माह पूर्व होने से परीक्षा परिणाम में 10 प्रतिशत की गिरावट आएगी क्योंकि स्कूलों में कोर्स पूरा होने के बाद रिवीजन कराया जाता था जो अब संभव नहीं है। सभी शिक्षकों पर भी अतिरिक्त दबाव पड़ेगा। कोर्स कराने के लिए विद्यार्थियों पर भी अतिरिक्त दबाव पड़ेगा।
चुनाव समेत अन्य परीक्षाओं को देखते हुए बोर्ड कक्षाओं की परीक्षा का टाइम टेबल तैयार होता है। नई शिक्षा नीति के तहत संभव है कि अब आने वाले समय में इस तरह से ही परीक्षा ली जाए इसका फायदा यह है कि रिजल्ट भी जल्द जारी होगा। इससे 12वीं पास आउट स्टूडेंट को अन्य जगह एडमीशन लेने में आसानी होगी।
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