Mp Board की Class 10th के छात्रों के लिए शुरू की गई Best Of Five Scheme अब सत्र 2023 – 2024 में चालू है अथवा नहीं है,अगर आपको Mp Board Best Of Five Yojana 2023 के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है तो चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि इस पोस्ट में हम मध्य प्रदेश बेस्ट ऑफ फाइव योजना के बारे में संपूर्ण जानकारी आपको प्राप्त करवाने वाले हैं।
Mp Board Best Of Five Scheme 2023 – 2024 Overview
Board Name | Madhyapradesh Board Of Secondary Education (MPBSE) |
Scheme Name | Best Of Five Scheme |
Academic Year | 2023 and 2024 |
Currently Active | YES |
Official Website | mpbse.nic.in |
MP Board Best Of Five scheme 2023
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा अपने विद्यार्थियों के लिए तरह-तरह की योजनाएं शुरू की जाती है, इनमें से एक बेस्ट ऑफ फाइव योजना भी केवल कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों के लिए शुरू की गई थी जिसे बंद करने के लिए अब सरकार के पास प्रस्ताव भेजा जा रहा है इस योजना से छात्रों को कक्षा दसवीं के परीक्षा परिणाम में काफी राहत मिल जाती थी आपको अभी बताएंगे क्या थी यह योजना और इस योजना के क्या लाभ थे तथा जब यह योजना बंद होने जा रही है तब छात्रों को क्या मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा।
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MP Board Best of Five yojana 2023 class 10th
दोस्तों आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि आखिरी बेस्ट ऑफ फाइव योजना है क्या और इससे क्या फायदा मिलता था तो चलिए आपको बताते हैं बेस्ट ऑफ फाइव योजना क्या थी ।
कक्षा दसवीं का रिजल्ट बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा 2017 में बेस्ट ऑफ फाइव योजना शुरू की गई थी।
बेस्ट ऑफ फाइव योजना में मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित हाई स्कूल की परीक्षा में 6 विषय में से विद्यार्थी द्वारा सबसे ज्यादा स्कोर किए गए पांच विषयों के रिजल्ट को महायोग में शामिल किया जाता है। इसे यदि विद्यार्थी किसी एक विषय में फेल भी हो जाता है तो भी उसे उत्तीर्ण घोषित कर दिया जाता है।
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बेस्ट ऑफ़ फाइव योजना के लाभ ( benefits of best of five scheme )
- विद्यार्थी यदि एमपी बोर्ड की 6 विषय में आयोजित कक्षा दसवीं की परीक्षा में एक विषय में फेल हो जाता था तो भी उसे परीक्षा परिणाम में उत्तीर्ण घोषित किया जाता था
- विद्यार्थी यदि दो विषय में फेल हो जाता था तो उसे दोनों विषयों में पूरक परीक्षा की पात्रता थी तथा वे दोनों में से किसी भी एक विषय में पूरक परीक्षा देकर उत्तीर्ण हो सकता था
- विद्यार्थी के एक विषय में फेल होने पर यदि उसका परीक्षा परिणाम बेस्ट ऑफ फाइव पद्धति से तैयार होता था तथा उसे उत्तीर्ण घोषित किया जाता था वह विद्यार्थी अगले वर्ष की श्रेणी सुधार परीक्षा में उन्हें शामिल हो सकता था।
- छाती यदि किसी एक विषय में अनुपस्थित रहता है तो उसे भी उस विषय में अनुत्तीर्ण मानकर पांच विषयों के आधार पर बेस्ट ऑफ फाइव योजना से रिजल्ट तैयार किया जाता था।
- बेस्ट ऑफ फाइव पद्धति के अंतर्गत तैयार होने वाले रिजल्ट में जिस विषय को शामिल नहीं किया जाता था उसके सामने # लगाकर इस विषय को कुल महायोग में शामिल नहीं किया गया है ऐसा नोट लिख दिया जाता है।
बेस्ट ऑफ़ फाइव योजना की कमियां ( drawbacks of best of five scheme)
बेस्ट ऑफ फाइव योजना का लाभ तो सिर्फ रिजल्ट में ही दिखाई देता था लेकिन आगे चलकर विद्यार्थियों को अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं तथा अन्य राज्यों में जाकर रोजगार की तलाश हेतु विभिन्न संस्थानों में प्रवेश के लिए मध्य प्रदेश बोर्ड की कक्षा दसवीं की अंकसूची अंकसूची दिखाने के बाद उस9 पर्सन से किया जाता था ।
बेस्ट ऑफ फाइव योजना की कुछ कमियां आपको बताते हैं—
- एक विषय में फेल होकर भी बेस्ट ऑफ फाइव पद्धति से उत्तीर्ण होने वाला छात्र आर्मी जीडी का फॉर्म नहीं भर सकता था क्योंकि उसके लिए गणित विज्ञान और हिंदी जैसे विषय अनिवार्य होते हैं।
- बेस्ट ऑफ फाइव पद्धति से तैयार रिजल्ट में यदि विद्यार्थी के विज्ञान तथा गणित विषय को शामिल नहीं किया गया है तो वह मध्य प्रदेश आईटीआई के विभिन्न ट्रेड के लिए योग्य नहीं था ।
- विद्यार्थी गणित अंग्रेजी या फिर विज्ञान जैसे विषय में कमजोर था वह इन विषयों की पढ़ाई नहीं करता था क्योंकि इनमें से किसी एक को छठवां विषय मानता था जिस का रिजल्ट अंकसूची में नहीं जोड़ा जाएगा तथा वही इन विषयों में और भी कमजोर होता जाता था और इसका कारण शिक्षकों को माना जा रहा था।
- यदि कोई विद्यार्थी एक विषय में फेल होकर ज्यादा परसेंटेज बनाता है तथा दूसरा विद्यार्थी सभी विषय में पास हो कर थोड़ा कम रिजल्ट बनाता तो उसे ज्यादा पर्सेंट वाले छात्र से कम आंका जाता था। जो कि सही नहीं है।
- अन्य राज्य में जाने पर मध्यप्रदेश बोर्ड कक्षा 10वीं की अंकसूची पर संदेह किया जाता था क्योंकि वह बेस्ट ऑफ फाइव पद्धति से तैयार रिजल्ट के अनुसार थी
- कक्षा बारहवीं के बाद की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए गणित विज्ञान जैसे विषयों की महत्ता होने के कारण ऐसे विषय में छात्र पहले से कमजोर होते थे जो कि भविष्य के लिए सही नहीं था।
शैक्षणिक सत्र 2022–23 में बेस्ट ऑफ फाइव योजना (Best Of Five scheme in 2022–23)
दरअसल माध्यमिक शिक्षा मंडल बेस्ट ऑफ फाइव योजना कि नहीं कमियों को गिनाते हुए जून 2022 में इस योजना को बंद करने की अनुशंसा की थी किंतु उस समय कॉविड के प्रकोप के चलते यह कार्य नहीं हो पाया था इस वजह से अब सन 2022–23 मैं इस योजना को बंद करने का निर्णय लिया गया है। माध्यमिक शिक्षा मंडल की पाठ्य चर्चा समिति की बैठक में सरकार के पास बेस्ट ऑफ फाइव पद्धति को बंद करने का प्रस्ताव भेजा गया है शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार जी ने भी इस बारे में अपना बयान जारी किया है।
BEST Of Five Rule in Mp Board 2022 – 2023
स्कूल शिक्षा विभाग के राज्यमंत्री इंदर सिंह परमार जी का बेस्ट ऑफ फाइव पद्धति को लेकर के बयान सामने आया है, बेस्ट ऑफ आई पद्धति को लेकर उनका कहना है
Mp Board Best Of Five Yojana 2022 – 2023 hai ya nahi
New Update >> एमपी बोर्ड की बेस्ट ऑफ फाइव योजना को बंद करने के संबंध में कोई भी आधिकारिक सूचना प्राप्त नहीं हो पाई है आता है यह माना जाए कि बेस्ट ऑफ फाइव योजना अभी भी संचालित हो रही है। शैक्षणिक सत्र 2022 23 में बेस्ट ऑफ फाइव योजना का लाभ कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों को मिलेगा। बेस्ट ऑफ फाइव योजना को बंद करने के लिए अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है
“अधिकारियों की बैठक कर बेस्ट ऑफ फाइव समाप्त करने सहित अन्य निर्णय लिए जाएंगे।” – इंदर सिंह परमार, राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा
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Best Of Five scheme 2022-23 #FAQ
बेस्ट ऑफ फाइव योजना क्या है?
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों के लिए रिजल्ट सुधारने हेतु सिर्फ पांच विषयों के रिजल्ट अंक सूची में जोड़ने की योजना है ।
एमपी बोर्ड बेस्ट ऑफ फाइव योजना कब चालू की गई?
एमपी बोर्ड बेस्ट ऑफ फाइव योजना सन 2017 में चालू हुई थी।
बेस्ट ऑफ फाइव योजना 2023 में है या नहीं एमपी बोर्ड?
एमपी बोर्ड में 2022-23 के लिए बेस्ट ऑफ फाइव योजना को संचालित रखने का निर्णय लिया गया है।