स्कूलों में 1 दिसंबर से शुरू होने वाली अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग ने नए आदेश जारी किए हैं। जिसके अनुसार अब कक्षा 9वीं व 10वीं के पेपर जिला शिक्षा यमिक मध्य अधिकारी (डीईओ) एवं 11वीं 12वीं के पेपर संभागीय संयुक्त संचालक (जेडी), लोक शिक्षण द्वारा तैयार कराए जाएंगे।
यह पेपर विषय व माध्यमवार तैयार कराए जाएंगे। हिंदी के साथ अंग्रेजी माध्यम के छात्र-छात्राएं होने पर अंग्रेजी माध्यम के पेपर अलग से बनवाए जाएंगे। लोक शिक्षण संचालनालय आयुक्त अभय वर्मा ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों व संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण, समस्त संभाग को जरूरी निर्देश दिये हैं।
Mp board Halfyearly paper 2022-23
9वीं 10वीं के पेपर ऐसे होंगे तैयार – सभी जिला शिक्षा अधिकारी अपने-अपने प्रदेश जिले 9वीं 10वीं के सभी विषयों के एवं माध्यमवार प्रश्नपत्र तैयार कराएंगे। जिले के प्रत्येक विकासखंड स्तर पर जिन जिलों में 3 या कम विकासखंड हैं वहां इन कक्षाओं के प्रत्येक विषय के दो सेट माशिमं द्वारा जारी निर्देशों एवं ब्लू प्रिंट के आधार पर योग्य शिक्षकों से तैयार कराए जाएंगे। उससे अधिक विकासखंड वाले जिलों में प्रत्येक विकासखंड पर एक सेट तैयार कराया जाएगा। तैयार एक सेट सील्ड कर विकासखंड अधिकारी जिला स्तर पर लेकर आएंगे।
9- 10वीं के पेपर ऐसे होंगे तैयार: डीईओ अपने जिलों में प्रश्न पत्र तैयार कराएंगे। जिन जिलों में 3 या इससे कम ब्लॉक हैं, वहां हर विषय के दो सेट माशिमं द्वारा जारी 1र्देशों एवं ब्ल्यू प्रिंट के आधार पर शिक्षक तैयार करेंगे। ज्यादा ब्लॉक वाले जिलों में हर ब्लॉक में एक सेट तैयार कर जिला स्तर पर भेजेंगे। अंतिम रूप से चयनित पेपर की कॉपी एक्सीलेंस के प्राचार्य 28 नवंबर तक स्कूलों को उपलब्ध कराएंगे। 11- 12वीं के पेपर ऐसे बनेंगेः संयुक्त संचालक संभाग के सभी स्कूलों के सभी संकायों के पेपर तैयार कराएंगे। जिला स्तर पर हर संकाय के सभी विषयों के दो सेट शिक्षक तैयार करेंगे। पेपर के दो सेट संभाग स्तर पर भेजे जाएंगे। समिति सभी जिलों से प्राप्त दो-दो सेट में से किन्ही तीन सेट का चयन करेगी।
प्रदेश के स्कूलों में कक्षा 9वीं से लेकर 12वीं तक की अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं 1. से 31 दिसंबर तक आयोजित की जाएंगी। लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआई) ने शनिवार को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए।डीपीआई आयुक्त अभय वर्मा द्वारा जारी आदेश के अनुसार, अब कक्षा 9 और 10वीं के प्रश्न पत्र जिला शिक्षा अधिकारी कार्यायल (डीईओ) एवं 11वीं-12वीं के पेपर संभागीय संयुक्त संचालक (जेडी), लोक शिक्षण द्वारा तैयार कराए जाएंगे। यह पेपर विषय और माध्यमवार तैयार होंगे। हिंदी के साथ अंग्रेजी माध्यम के पेपर तैयार कराने के निर्देश दिए गए हैं।
एक माह बाद छमाही परीक्षाएं, विभाग तबादलों में व्यस्त
भोपाल। एमपी बोर्ड के स्कूलों में अगले महीने से परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी, लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग और शिक्षकों के तबादलों में व्यस्त है। इससे स्कूलों में पढ़ाई पर बुरा असर पड़ रहा है। अगले महीने से 9वीं और 11वीं तक की छमाही परीक्षाएं शुरू हो रही हैं । तीन महीने बाद 1 मार्च से 10वीं- 12वीं की बोर्ड परीक्षा के साथ 9वीं – 11वीं की वार्षिक परीक्षा शुरू हो जाएंगी। गुरुवार को आयुक्त लोक शिक्षण ने ट्रांसफर को लेकर फिर निर्देश दिए हैं। इसमें कहा गया है कि जिन पदों को स्थानांतरण के बाद नियमित शिक्षकों से भरा है, उसके विरुद्ध आमंत्रित अतिथि शिक्षकों को तत्काल कार्यमुक्त किया जाएगा।
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9वीं से 12वीं कक्षा तक की छमाही परीक्षा स्थगित
भोपाल | स्कूल शिक्षा विभाग ने 9वीं से 12वीं कक्षा तक की छमाही परीक्षा स्थगित करने का निर्णय लिया है। विभाग ने 1 दिन पहले ही छमाही परीक्षा की तारीख आगे बढ़ाने संबंधी आदेश जारी किए थे। आयुक्त लोक शिक्षण ने मंगलवार को परीक्षा स्थगित करने संबंधी आदेश जारी कर दिया है। सोमवार को जारी आदेश में अनुगूंज कार्यक्रम का हवाला देते हुए परीक्षा की तारीख आगे बढ़ा दी गई थी। परीक्षा 1 से 8 दिसंबर की बजाय 12 से 19 दिसंबर तक कराने का निर्णय लिया था।
सांस्कृतिक कार्यक्रम अनुगूंज को लेकर लोक शिक्षण ने स्थगित की 9वीं से 12वीं तक की अर्द्धवार्षिक परीक्षा
12 से 19 दिसंबर केबीच होगी अब परीक्षाभोपाल, शघ्र सांस्कृतिक कार्यक्रम T अनुगूंज के चलते लोक शिक्षण संचालनालय ने नवमी से बारहवीं तक की अर्द्धवार्षिक परीक्षा स्थगित कर दी है। अब यह परीक्षा 12 से 19 दिसंबर के बीच आयोजित की जाएगी। इस संबंध में आयुक्त लोक शिक्षण अभय वर्मा ने निर्देश जारी कर दिए है। जानकारी के मुताबिक लोक शिक्षण संचालनालय ने नवमों से बारहवीं तक की अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं की तिथि 1 दिसंबर से 8 दिसंबर के बीच घोषित की थी। इस संबंध में स्कूल स्तर परपूरी तैयारी कर ली गई थी। इसी बीच की प्री बोर्ड परीक्षाएं होगी। इसके कुछ स्कूल शिक्षा विभाग का सांस्कृतिक कार्यक्रम अनुगूंज की तिथि घोषित कर दी गई। यह कार्यक्रम 4-5 दिसबंर को एक्सीलेंस स्कूल भोपाल में आयोजित होगा इस तिथि की घोषणा के बाद लोक शिक्षण ने परीक्षा की तिथि में ही परिवर्तन कर दिया। अब यह परीक्षा 12 दिसंबर से 19 दिसंबर के बीच आयोजित की जाएगी। लगातार होगी नवमीं से बारहवीं तकदिनों बाद ही एक मार्च से दसवीं-बारहवीं की वार्षिक बोर्ड परीक्षाएं शुरू हो जाएगी। ऐसे में स्कूलों में पढ़ाई का विद्यार्थियों का कम समय मिल पाएगा। इसी बीच बालरंग व मोगली उत्सव का कार्यक्रम भी आयोजित किया जाना है। मान्यता से मिलने वाले वाली राशि को लोक शिक्षण अनुगूंज के कार्यक्रम में खर्च करेगा। जिला स्तर पर होने वाले कार्यक्रम में प्रत्येक जेडी की परीक्षाएं लोक शिक्षण अब 12 से को दस-दस लाख रुपए मान्यता की मद 19 दिसंबर के बीच अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं से दिए जाएंगे। इसके साथ ही राज्य स्तर आयोजित करेगा। इसके बाद क्रिसमस व पर एक्सीलेंस स्कूल में कार्यक्रम आयोजित शीतकालीन अवकाश की स्कूलों में छुट्टी होगा अनुगूंज में करीब ढाई से तीन करोड़ 1 रहेगी। जनवरी-फरवरी में दसवीं-बारहवीं रुपए प्रतिवर्ष खर्च होते है।
रिजल्ट बिगड़ा तो स्कूल तो स्कूल प्राचार्यों की जवाबदेही तय करेगा शिक्षा विभाग
दसवीं एवं बारहवीं की वार्षिक परीक्षाओं की नजदीकी को लेकर अधिकारियों ने पूरा फोक्स पढ़ाई पर टिका दिया है। इस कार्य में प्राचार्यों की जवाबदेही भी तय की गई है। अगर परीक्षाओं के पूर्व खासकर कमजोर बच्चों की विषयवार तैयारी नहीं हुई तो प्रिंसिपल के लिए कठिनाइयां खड़ी होगी।मार्च में परीक्षाओं के घोषित आगाज को लेकर राजधानी में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय ने औचक निरीक्षण प्रारंभ कर दिए हैं। इसके लिए दो टीमों का गठन किया गया है। इन टीमों द्वारा अकस्मात स्कूलों के निरीक्षण किए जा रहे हैं। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय का कहना है कि अब कक्षाओं में बच्चों का बौद्धिक बल परखना पहली प्राथमिकताओं में है। बच्चा किस विषय में कमजोर है। उसे चिन्हिना प्राचार्यों की जवाबदारी होगी। इन बच्चों की सूची तैयार कर रिमेडियल कक्षाएं लगाई जाएंगी। इन कक्षाओं में शिक्षक अतिरिक्त समय देकर बच्चों को पढ़ाएंगे। इस कार्य की नियमित रूप से समीक्षा भी की जाएगी।
रिजल्ट बिगड़ा तो अफसरों को देना होगा जवाब
स्कूल शिक्षा विभाग कक्षावार बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित है। विभाग पहले ही स्पष्ट संकेत दे रहा है कि हर बच्चे को उत्कृष्ट अंक प्राप्त कर वार्षिक परीक्षाओं में उत्तीर्ण होना होगा। अगर ऐसा नहीं हुआ तो प्राचार्यों को तो इसके लिए उत्तरदायी माना ही जाएगा। सक्षम अधिकारियों को जवाब देना होगा। विभाग की इसी सख्ती को लेकर अब प्राचार्यों से बच्चों के अध्यापन की नियमित रिपोर्ट ली जा रही है।अधिकारी उन क्षेत्रों के स्कूलों पर भी रख रहे हैं जो दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित हो रहे हैं। ऐसे क्षेत्रों से अफसरों के समक्ष शिकायतें आ रही हैं कि शिक्षकों की नियमित रूप से स्कूलों में उपस्थिति नहीं हो रही है। नतीजतन गोपनीय तौर पर ऐसे स्कूलों का निरीक्षण हर दिन किया जा रहा है।
ठंड के चलते बदला स्कूलों का टाइम टेबल
इन्दौर जिला अन्तर्गत संचालित समस्त शासकीय / अशासकीय अनुदान प्राप्त / मान्यता प्राप्त / सी.बी.एस.ई. / आई.सी.एस.ई / माध्यमिक शिक्षा मण्डल एवं समस्त बोर्ड से सम्बद्ध विद्यालयों में शीतऋतु एवं तापमान में आई लगातार गिरावट को दृष्टिगत रखते हुए छात्रहित में जिले की कक्षा नर्सरी से कक्षा 12वीं तक के समस्त विद्यालयों का संचालन छात्र-छात्राओं के लिये समय में परिवर्तन करते हुए आगामी आदेश तक प्रातः 8.30 बजे या उसके पश्चात से किया जावे । उक्त आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा ।
परीक्षा आवेदन तिथि बढ़ी कियोस्क पर साधी चुप्पी
शिक्षा मंडल (माशिमं) ने बढ़ते विरोध के बीच कक्षा 10वीं, 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के लिए आवेदन की तारीख में बढ़ोत्तरी कर दी है। हालांकि मंडल और स्कूल शिक्षा विभाग उन स्कूलों के विद्यार्थियों की शुल्क का मामला नहीं सुलझा पाए हैं, जिन्होने स्कूल में शुल्क जमा कर दिया था। लेकिन यह शुल्क मंडल तक नहीं पहुंचा है।दरअसल, माशिमं द्वारा 10वीं और 12वीं की परीक्षा शुल्क एमपी ऑनलाइन के माध्यम से जमा करने के निर्देश दिए थे। इसके चलते राजधानी सहित प्रदेश के कई स्कूलों ने अपने विद्यार्थी के परीक्षा आवेदन सामान्य शुल्क की निर्धारित तारीख के अंदर कियोस्क को दे दिए हैं। इसकी रसीद भी उनके पास है। लेकिन कियोस्क संचालकों ने शुल्क जमा नहीं की । जिसके चलते इन स्कूलों के विद्यार्थियों के आवेदन निरस्त कर दिए गए हैं। अब तारीख बौत्तरी के बाद विद्यार्थी 2 हजार रुपए विलंब शुल्क के साथ 4 दिसंबर तक परीक्षा आवेदन जमा कर सकेंगे। मामले में अब न तो माशिमं के अधिकारी फोन उठा रहे हैं और न ही विभाग के आला अधिकारियों के पास इसका जवाब है।
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आयोग को 15 दिन में देना होगा जवाब – मामले में जानकारी मप्र मानव अधिकार आयोग तक भी पहुंची है। जिसके बाद मामले में आयोग ने संज्ञान लेते हुए संचालक, स्कूल शिक्षा संचालनालय, मप्र शासन भोपाल से 15 दिन में जवाब मांगा है। आयोग ने यह भी कहा है कि प्रभावित विद्यार्थियों के परीक्षा में शामिल हो सकने के लिये शासन द्वारा की जा रही कार्यवाही एवं संभावना सहित कियोस्क संचालक के विरूद्ध कार्यवाही, कियोस्क स्थापना की शर्तें, राज्य शासन की किस संस्था विभाग द्वारा कियोस्क संचालन की अनुमति दी जाती है, यह सभी जानकारियां भी प्रतिवेदन में दी जाएं।
श्रमोदय विद्यालयों में प्रवेश के लिए 25 दिसंबर तक भरे जाएंगे फार्म
प्रदेश में श्रमोदय आवासीय विद्यालयों में एडमिशन के लिए आवेदन कर सकते हैं। प्रदेश के चार बड़े शहरों भोपाल, ग्वालियर, इंदौर और जबलपुर में यह स्कूल हैं। प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदक एमपी ऑनलाइन के पोर्टल पर लॉग इन कर अथवा कियोस्क के माध्यम से किया जा सकता है।
विद्यार्थियों को 6वीं, 7वीं, 8वीं और 9वीं कक्षा में प्रवेश के लिए 25 दिसंबर तक ऑनलाइन आवेदन किए जा सकते हैं। परीक्षा 8 जनवरी 2023 (रविवार) को होगी। परीक्षा का माध्यम हिन्दी एवं अंग्रेजी रहेगा। पेपर में केवल बहुविकल्पीय प्रश्न, पूर्व की कक्षा के पाठ्यक्रम से संबंधित प्रश्न पूछे जाएंगे।
9वीं से 12वीं तक के स्कूलों की ग्रेडिंग में भोपाल जिले को मिला 19 वां स्थान
लोक शिक्षण संचालनालय ने पहली बार नवम से बारहवीं तक के स्कूलों को लेकर जिलों की ग्रेडिंग गुरुवार को जारी कर दी है। ग्रेडिंग में भोपाल जिले को 19 वां स्थान मिला है। ग्रेडिंग में पहले स्थान पर दमोह व सबसे आखिरी स्थन पर खरगौन को जगह मिली है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सरकारी स्कूलों की रैंकिंग प्रणाली विकसित करने और सीएम डैशबोर्ड में प्रदर्शित करने के निर्देश दिए थे। जिस पर अमल करते हुए राज्य शिक्षा केंद्र ने बीती 20 मई को सभी 52 जिलों की रैंकिंग जारी कर दी थी दूसरी बार जिलों की रैंकिंग बीती 15 सितंबर को जारी कर दी गई थी। मुख्यमंत्री के निर्देश के करीब आठ महीने बाद लोक शिक्षण संचालनालय ने नवमीं से बारहवीं तक के स्कूलों को लेकर आठ बिंदुओं पर जिलों की रैकिंग जारी की है। आयुक्त लोक शिक्षण अभय वर्मा द्वारा जारी की गई रैकिंग में भोपाल जिले को 19वां स्थान मिला है। पहले स्थान पर दमोह जिला व सबसे आखिरी स्थान खरगौन का रहा है।
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